करीम सिटी कॉलेज के साकची प्रांगण में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में मानव अधिकार पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस
अवसर पर मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की झारखंड प्रतिवेदक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्रीमती सुचित्रा सिन्हा उपस्थित हुईं। सबसे पहले करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ से और फिर श्रद्धापूर्ण शब्दों से किया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार वे मूलभूत अधिकार और स्वतंत्रताएँ हैं जो हर व्यक्ति को उनके जन्म से ही प्राप्त हो जाते हैं। ये अधिकार प्रत्येक मानव के लिए समान रूप से सम्माननीय हैं। चाहे वे कोई भी धर्म, जाति, नस्ल या राष्ट्रीयता का हों। मानवाधिकारों के माध्यम से व्यक्ति जीवन में न्याय, स्वतंत्रता और समानता का अनुभव होता है। ये हमें अपनी शक्तियों का अनुभव कराते हैं और हमें समाज में सक्रिय भागीदार बनाते हैं।
इसके बाद मुख्य वक्ता ने मानव अधिकार पर अपनी बातों को रखा। उन्होंने बताया कि आज भी हमारे समाज में कई ऐसे मुद्दे हैं जिन से मानवाधिकारों का उलंघन होता हुआ दिखाई दे रहा । विभिन्न क्षेत्रों में अन्याय, भेदभाव, और उत्पीड़न की समस्याएँ अभी भी हमारे समाज में बनी रहती हैं। महिलाओं, बच्चों, वंचित और असमानता के शिकार लोगों के अधिकारों का सम्मान करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। हमें सभी को मिलकर इन मुद्दों पर काम करना चाहिए ताकि हमारी समाज में सबका समान अधिकार हो सके। उन्होंने सभागार में बैठे छात्र छात्राओं से अपील की कि कहीं भी मानव अधिकार का उल्लंघन हो रहा हो तो वे उसके विरुद्ध अपनी आवाज जरूर उठाएं। इस प्रकार मुख्य वक्ता श्रीमती सुचित्रा सिन्हा सभी को अपने मानव अधिकार से परिचित कराया एवं मानव अधिकार का प्रयोग करते हुए समाज की समस्याओं को सुलझाने के लिए भी प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर का सत्र भी रहा जिसमें छात्र-छात्राओं के ढेर सारे सवालों के संतोषजनक उत्तर मुख्य अतिथि ने दिए।
कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ एस एम यहिया इब्राहीम ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन करीम सिटी कॉलेज की छात्रा शिउली पलित ने किया।