Greetings everyone,
Karim City College, SPArC announces it's event "Tell-a-Tale (A story telling Competition)" under the initiative "Azadi Ka Amrit Mahotsav". Do participate in huge numbers.
Topic:- Female Freedom Fighters of India
Google meet link:- http://meet.google.com/vbv-paqm-miq
Date:- 28th December, 2022.
Time:- 7pm onwards
It's an online competition therefore the participants are requested to follow the guidelines .
Central Bureau of Communication (CBC), Ministry of Information and Broadcasting, Government of India, Jharkhand, Gumla in collaboration with the Department of Mass Communication, Karim City College, Jamshedpur is organizing a Three-Day Awareness Program/Photo Exhibition on ‘Azadi ka Amrit Mahotsav’, ‘Fit India Movement’, ‘G20’ and other relevant themes of the Central Government from 20th-22nd December, 2022 at Karim City College and the inauguration ceremony held on 20th December, 2022
Apart from the Photo Exhibition, the Four-Day Awareness Program will involve a number of competitions and activities.
प्रेस विज्ञप्ति
करीम सिटी कॉलेज में मानवीय मूल्य और साहित्य के विषय पर व्याख्यान आयोजित
जमशेदपुर 16 दिसंबर 2022
करीम सिटी कॉलेज की साहित्यिक तथा वैचारिक संस्था CAD (Centre for Academic Development) के तत्वाधान में एक व्याख्यान का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम अपराहन चार बजे संस्था के सचिव डॉ मोहम्मद जकरिया और प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज की मौजूदगी में फैकल्टी स्टडी में आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता बांग्ला विभाग के अध्यक्ष तथा परीक्षा नियंत्रक डॉ बी एन त्रिपाठी ने की। व्याख्यान का विषय था- "मानवीय मूल्य और साहित्य " तथा वक्ता थे- हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ मोहम्मद फिरोज आलम। इस व्याख्यान सभा में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य तीनों संकायओ के विभागाध्यक्षों, प्राध्यापकों तथा अन्य साहित्य प्रेमी बंधुओं ने उपस्थित रहकर कार्यक्रम वक्तव्य सुना।
सर्वप्रथम कैड की प्रभारी प्राध्यापिका डॉ संध्या सिन्हा ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया तथा निर्धारित विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में मूल्य वे मान और आदर्श होते हैं जिनकी कसौटी पर सत्य और उचित की जांच होती है। साहित्य और साहित्यकार समाज का दिग्दर्शक और सजग प्रहरी होते हैं और यह मानने में हमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए कि भारतीय साहित्य की मानवीय मूल्यों की संरचना, संरक्षण तथा संवर्धन करने में प्रमुख भूमिका रही है। इसी के साथ उन्होंने मुख्य वक्ता को आमंत्रित किया।
मुख्य वक्ता डॉ मोहम्मद फिरोज आलम ने कहा कि मानवीय मूल्य मानव जीवन की वह आधारशिला है जिसका रक्षक साहित्य है। साहित्य का काम मानव मूल्यों का संवर्धन करना है। रचनाकार अपनी रचनाओं के माध्यम से इन्हीं मूल्यों को बनाए रखने का प्रयास करता है जिससे समाज का और देश का विकास संभव हो सके। जब मानवीय मूल्य ही न होंगे तो समाज निश्चित रूप से अराजकता की ओर चला जाएगा। साहित्य का काम मनुष्य को मनुष्य बनाए रखना और उसे मनुष्यता के चरम तक ले जाना है। अंत में हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ एससी गुप्ता ने साहित्यकारों की जिम्मेवारी तय करते हुए कहा कि उन्हें चाहिए के 'लिखो और बेेचो' की सोच से हटकर अपनी भावनात्मक रचनाओं को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि साहित्य व्यापार नहीं है। साहित्य तो जीने और जिलाने का माध्यम है और हाथ में मशाल लेकर समाज की अगुवाई करने की एक जिम्मेवारी है।
इस अवसर पर प्राचार्य मोहम्मद रेयाज तथा सचिव महोदय ने भी संबोधन किया और डॉ फिरोज तथा डॉ संध्या सिन्हा को बधाई तथा आशीर्वाद दिए।
लगभग 1 घंटे के वक्तव्य के बाद प्रश्नोत्तर सत्र प्रारम्भ हुआ जिसके तहत कई शिक्षकों ने प्रश्न पूछे और डा फिरोज ने संतोषप्रद उत्तर दिए।
अंत में डॉ बसूधरा राय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
करीम सिटी कॉलेज के भूगोल विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति को अपनाते हुए पावरप्वाइंट प्रस्तुतीकरण पद्धति की पहल की गई। इस अवसर पर करीम सिटी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रियाज भूगोल विभाग के विभाग के प्रमुख डॉ आले अली, भूगोल विभाग की अध्यापिका डॉक्टर फरजाना अंजुम,परीक्षा विभाग के प्रमुख बी.एन त्रिपाठी,कला विभाग के प्रमुख डॉक्टर इंद्रसेन सिंह के साथ कॉलेज के कई वरिष्ठ शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे। इस आधुनिक समय में शिक्षा को डिजिटल बनाने एवं छात्र छात्राओं में शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए पावरप्वाइंट प्रस्तुतीकरण पद्धति को भूगोल विभाग ने अपनाया।करीम सिटी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रियाज ने कहा कि किसी भी विषय हम उसका 50% ही उस विषय को समझ पाते हैं लेकिन जब हम उसे पावरप्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से देखते हैं तब हम उस विषय को पूर्णत:
आसानी से समझ सकते हैं। साथ ही इस नए युग में शिक्षा के तौर-तरीकों में बदलाव एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके बाद भूगोल विभाग के विद्यार्थी रॉकी एवं किशन फलक नाज एवं पूर्वसा सिंह ने अपने पावर पॉइंट को प्रस्तुत करते हुए भूकंप,ब्रह्मांड की उत्पत्ति,जल पर्यटन आदि विषयों को समझाया एवं उनके विषय में रोचक तथ्यों की जानकारी। अंत में सभी का धन्यवाद यापन भूगोल विभाग की शिक्षिका डॉक्टर फरजाना अंजुम ने किया। प्रधानाचार्य - सह सभी शिक्षकों ने पावरप्वाइंट प्रस्तुतीकरण पद्धति द्वारा डिजिटल माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा देने की इस सराहनीय कदम की प्रशंसा की।
जागरूकता पैदा करने के लिए 15 दिसंबर को करीम सिटी कॉलेज में यौन उत्पीड़न की रोकथाम पर एक वार्ता आयोजित की गई। मुख्य वक्ता CII IWN की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति सहगल थीं। उन्होंने 28 साल तक टाटा स्टील में काम किया। उन्होंने डीजीएम सीएसआर के विविधता अधिकारी के रूप में काम किया और पॉश पर आंतरिक समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया। उन्होंने कहा कि जागरूकता और शिक्षा यौन उत्पीड़न को रोकने की कुंजी है। उन्होंने अधिनियम के कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया। यह अधिनियम एक बहुत ही समावेशी और शक्तिशाली अधिनियम है और इसने उत्पीड़न के खिलाफ बहुत अधिक सुरक्षा प्रदान की है। यह एक बहुत ही जानकारीपूर्ण सत्र था जिसे पीपीटी प्रस्तुति के साथ समझाया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत महिला प्रकोष्ठ की समन्वयक डॉ कौसर तस्नीम ने की थी। स्वागत भाषण करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रियाज ने दिया। इस वार्ता के बाद बहुत ऊर्जावान और सफल संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 210 विद्यार्थियों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ बसुधारा राय ने किया। सत्र में डॉ नेहा तिवारी, डॉ संध्या सिन्हा, डॉ एस एन सिंह, डॉ ऊधम सिंह, डॉ शशि प्रभा, डॉ विजयलक्ष्मी, डॉ अब्दुल लतीफ मंडल, डॉ अनुपमा मिश्रा और डॉ मुजाहिदुल हक उपस्थित थे। कार्यक्रम की मेजबानी महिला प्रकोष्ठ द्वारा की गई थी करीम सिटी कॉलेज।
प्रेस विज्ञप्ति
करीम सिटी कॉलेज में "वी द पोएट" का आयोजन
जमशेदपुर 15 दिसंबर 2022
करीम सिटी कॉलेज की सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था "स्पार्क" (सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ आर्ट एंड कल्चर) के तत्वधान में आज वार्षिक कार्यक्रम "वी द पोएट" का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम छात्र-छात्राओं के बीच एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें वै अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू तथा बांग्ला भाषा में स्वरचित कविताएं प्रस्तुत करते हैं। आज के कार्यक्रम में सर्वप्रथम "स्पार्क" के कोआर्डिनेटर डॉ एस एम यहिया इब्राहीम ने विद्यार्थीयों तथा अतिथियों का स्वागत किया और सभा को बताया कि हम यह प्रतियोगिता इसलिए आयोजित करते हैं कि हमारे बच्चों में अच्छी कविता कहने की योग्यता पैदा हो क्योंकि जीवन में कविताओं का बड़ा महत्व है। आज के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। अंग्रेजी कविता की श्रेणी में 18 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें प्रथम पुरस्कार आरजू नाज को और द्वितीय पुरस्कार शिवली पलित को दिया गया। दूसरी प्रतियोगिता हिंदी कविताओं पर आधारित थी जिसमें 24 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रथम पुरस्कार सहदेव महतो को तथा द्वितीय पुरस्कार मुस्कान भालेकर को दिया गया। अंतिम प्रतियोगिता उर्दू कविताओं की थी जिनमें 9 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रथम पुरस्कार आयशा सिद्दीकी को और द्वितीय पुरस्कार इशरत नाज को मिला।
इन तीनों श्रेणी की प्रतियोगिताओं में डॉ बसूधरा राय, डॉ एससी गुप्ता तथा डॉ तुफैल अहमद ने निर्णायक की जिम्मेवारी अदा की। डॉ यहिया इब्राहीम, प्रो मोहम्मद ईसा तथा प्रो साकेत कुमार के हाथों निर्णायक महानुभावों को सम्मान पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन संस्कृति, सायमा शमीम तथा प्रियंका दास ने किया तथा सैम्युएल कर्मकार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इससे पूर्व सोमवार को इसी संस्था के तत्वाधान में "कलमकार" नाम से निबंध लेखन की प्रतियोगिता चारों भाषाओं में आयोजित की गई जिसमें 58 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में विषय उसी समय दिया जाता है ताकि छात्र-छात्राओं में मौजूद रचनात्मक योग्यता के आधार पर पुरस्कृत किया जा सके।
प्रेस विज्ञप्ति
करीम सिटी कॉलेज में संवाद कार्यक्रम "गुफ्तगू" आयोजित
जमशेदपुर 14 दिसंबर 2022
करीम सिटी कॉलेज के वूमेन सेल के तत्वाधान में आज अपराहन 4:00 बजे कॉलेज ऑडिटोरियम में एक संवादात्मक कार्यक्रम "गुफ्तगू" का आयोजन किया गया जिसका विषय था- A conversation on Gender Roles and How to question them ....
सबसे पहले वूमेन सेल की समन्वयक डॉ कौसर तस्नीम ने स्वागत भाषण दिया और निर्धारित विषय से सभा को परिचित कराया। उन्होंने कहा की आज की चर्चा समाज में लैंगिक भूमिकाओं पर है। ये भूमिकाएं ऐसी है जिन्हें हमारे समाज और हमारी परंपराओं ने निर्धारित कर दिया है ... जिन्हें हम मानते हैं और यह चाहते हैं कि समाज इसे स्वीकार करे और समाज स्वीकार भी करता ह परंतु अब जबकि समय बदल चुका है इस पर विचार करने की आवश्यकता है।
सभा में मुख्य वक्ता के तौर पर भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक डॉ तुफैल अहमद आमंत्रित थे। उन्होंने अपने विचार रखते हुए इस विषय पर कहा कि हमारी परंपराएं साक्षी हैं कि महिलाओं ने हर युग में तथा हर मैदान में अपनी जो भूमिकाएं निभाई हैं वै मर्दों से कम नहीं थी इसके बावजूद हमारा जीवन महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग जीवन शैलियां निर्धारित कर देता है परंतु अब युग बदल गया है, समाज में जीने का ढंग बदल चुका है। इसलिए अब हमें इस विषय पर फिर से विचार करना होगा कि किस की भूमिका क्या होगी या सब की भूमिका एक सी होंगी।
अंत में प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने सबसे पहले महिला प्रकोष्ठ की सदस्या नेहा तिवारी, फरजाना अंजुम, बसूूधरा राय एवं कौसर तस्नीम को बधाई दी कि उन्होंने लैंगिक भूमिकाओं के विषय पर हमें विचार करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में विकास तभी संभव है जब पुरुष और महिला दोनों एक दूसरे के साथ चलें। उनके बीच कभी प्रभुत्व एवं सर्वोच्चता की भावना की कोई जगह न हो।
इस अवसर पर छात्र छात्राओं के द्वारा कुछ मनमोहक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। विशेषकर प्रियांशु का नृत्य सामूहिक रूप से प्रस्तुत किया गया नाटक तथा गीत प्रस्तुति ने सभा को आनंदित किया। स्मृति एवं अदिति ने सभा का संचालन किया। अंत में डॉ कौसर तस्लीम ने धन्यवाद ज्ञापन किया।